सबके लिए खाना पकाती है ये लड़की,लेकिन खुद एक निवाला भी नहीं खा पाती,इसका...
सबके लिए खाना पकाती है ये लड़की,लेकिन खुद एक निवाला भी नहीं खा पाती,इसका सच जान रो पड़ेंगे आप
We are going to tell you the story of a girl whose life passes through delicious dishes, but luck has played such a ruthless game with her that she can not eat anything
We are talking about Natasha living in Pune. Natasha is very fond of eating. Despite this, even a bite of delicious dish can not be eaten. Now you must be thinking that what happened with Natasha that life had become so cruel with her
In 2010, suddenly, Natasha suffered severe pain on the shoulder. Natasha would eat only if her pain grew. He came to the doctor and came to the doctor. After all the tests, there was no improvement in his condition. Natasha's weight reduced to 38 kg. No doctor was able to catch Natasha's disease. But then Natasha met a doctor from SS Kem Hospital of SS Bhalerao. The doctor caught Natasha's disease in a hurry
The doctor told that Natasha has ulcers in her stomach. Thereby bleeding. That was why the pain was going on. Natasha had 2 ulcers in her stomach. He had taken so much painkiller due to the pain that the stomach had stopped working. According to the doctor, Natasha had an ulcer in the stomach that was attached to the diaphragm. A drift of the diaphragm and shoulder is attached. And that was why stomach ache reached the shoulder. In the language of medical science it is called a referral pen
हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसकी जिंदगी लजीज पकवानों के बीच गुजरती है, लेकिन किस्मत ने उसके साथ ऐसा बेरहम खेल खेला कि वह कुछ खा भी नहीं सकती है। जानते हैं क्यों?
हम बात कर रहे हैं पुणे की रहने वाली नताशा के बारे में। नताशा को खाने का बेहद शौक है। इसके बावजूद को लजीज पकवानों का एक निवाला भी नहीं खा पाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर नताशा के साथ ऐसा क्या हुआ था कि जिंदगी उसके साथ इतनी बेरहम हो गई
साल 2010 में अचानक नताशा के कंधे पर तेज दर्द उठा। नताशा कुछ भी खाती उसका ये दर्द बढ़ता ही जाता। तंग आकर डॉक्टर के पास गई। सभी तरह के टेस्ट के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। नताशा का वजन घटकर 38 किलो हो गया। कोई भी डॉक्टर नताशा की बीमारी नहीं पकड़ पा रहा था। लेकिन तभी नताशा की मुलाकात पुणे के केईएम हॉस्पिट के एक डॉक्टर एसएस भालेराव से हुई। डॉक्टर ने नताशा की बीमारी झट से पकड़ ली
डॉक्टर ने बताया कि नताशा के पेट में अल्सर है। जिससे खून बह रहा है। इसी वजह से दर्द हो रहा था। नताशा के पेट में 2 अल्सर थे। वह दर्द की वजह से इतने पेनकिलर ले चुकी थी कि पेट ने काम करनमा बंद कर दिया था। डॉक्टर के मुताबिक, नताशा के पेट में अल्सर उस हिस्से में था जो डायफ्राम से लगा था। डायफ्राम और कंधे की एक नर्व जुड़ी होती है। और इसी वजह से पेट का दर्द कंधे तक पहुंचता था। मेडिकल साइंस की भाषा में इसे रेफर्ड पेन कहते हैं
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