भारत के इस मंदिर ने तिरुपति को दी मात, गिनीज बुक में हुआ शामिल



Tirupati, this temple of India, included in the Guinness Book

Recently, the Golden Temple in Amritsar has attained the status of "Most visited place by tourists". Dr. Roop Singh, Chief Secretary of the London-based organization handed over its certificate to Shiromani Gurudwara Management Committee.

The number of pilgrims coming here from the religious places around the world is the highest in world records. The credit of putting the largest anchor for humanity has also been given to Mr. Durbar Sahib. It has been said that the biggest service in the world is seen in the Langar Bhawan in Sri Durbar Sahib, where no religious service is obstructed.

Survey of Golden Temple was three months ago. In this survey, from the heritage road to the cleanliness inside the Golden Temple, the service sentiment of the people, the kirtan that runs for 24 hours, the welfare of everyone and the daily anchor of more than one lakh people is also involved.

According to the Guinness Book of World Records, about a million people come to visit every day in the Golden Temple. Not only this, it is also the world's largest free kitchen. Here, people of every nation and sect of the country are given selfless food. This news has once again glorified India in the world. Let's know some interesting things related to the Golden Temple





Founder of gurus



The foundation of the Golden Temple was preserved by Sufi saint Sai Hajrat Mian Mir.



Temple name



The name of the Golden Temple was due to the bed sheets covered on the outer layer of the temple, which was added by Maharaja Ranjit Singh after 200 years of the construction of this temple. Before this the temple was known only by the name of Darbar Sahib or Harmandir Sahib.



Amrit lake



'Amrit Sarovar' is one of the main attractions of the temple. It is believed that this lake has medicinal properties. Whoever comes to visit this temple, first wash his hands in this lake and enter the temple. Many devotees dip as per their faith.



4 entrances



The temple has four entrances, which are all four directions east, west, north, south. This gateway informs that this temple welcomes devotees wholeheartedly without any interruption from every part of the world. There is permission to visit any religion, any caste, tourists and devotees of any sect here.



Stairs leading to the temple



The stairs made to enter the temple go down, while the stairs in other Hindu temples take upwards in the main premises of the temple. It is designed in such a way that reflects the humble way of living.



World's largest kitchen



This temple is also the largest kitchen in the world, in which it is not for hundred thousand people, but for millions of people who feed in free. The Golden Temple of Amritsar is the largest feeding kitchen in the world. . There are about 2 lakh rotis per day in it.





Equality among devotees



When an anchor is divided here, then all people, devotees, whether they belong to any religion or sect, all sit down together in a line and eat anchor. Here every devotee understands the same.



Monolithic text



During World War I, the British government organized monastic text to win here.

भारत के इस मंदिर ने तिरुपति को दी मात, गिनीज बुक में हुआ शामिल

हाल ही में अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को "पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा घूमने वाली जगह (मोस्ट विजिटेड)" का दर्जा प्राप्त हुआ है। लंदन बेस्ड संस्था ने इसका सर्टिफिकेट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चीफ सेक्रेटरी डॉ. रूप सिंह उनकी टीम को सौंपा।

दुनिया भर के धार्मिक स्थलों में से यहां पर श्रद्धालुओं के आने का आंकड़ा विश्व रिकॉर्ड में सर्वाधिक है। मानवता के लिए सबसे बड़ा लंगर लगाने का श्रेय भी श्री दरबार साहिब को दिया गया है। यह कहा गया है कि विश्व में सबसे बड़ी सेवा श्री दरबार साहिब में लंगर भवन में दिखती है, जहां कोई मजहब सेवा में आड़े नहीं आता।

स्वर्ण मंदिर का सर्वे तीन महीने पहले हुआ था। इस सर्वे में विरासती मार्ग से लेकर स्वर्ण मंदिर के भीतर की स्वच्छता, लोगों की सेवा भावना, 24 घंटे चलने वाले कीर्तन, सभी के भले की कामना तथा रोजाना एक लाख से अधिक लोगों का समान रूप से लंगर छकना शामिल है।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक, स्वर्ण मंदिर में हर रोज़ करीब एक लाख लोग दर्शन करने आते हैं। इतना ही नहीं, यह दुनिया का सबसे बड़ा फ्री किचन भी है। यहां देश के हर जाति और संप्रदाय के लोगों को निस्वार्थ भोजन करवाया जाता है। इस ख़बर ने भारत को विश्व में एक बार फिर गौरान्वित किया है। आइये जानते हैं स्वर्ण मंदिर से जुडी कुछ रोचक बातें





गुरूद्वारे की नींव



स्वर्ण मंदिर की नींव सूफी संत साई हज़रत मियां मीर द्वारा राखी गई थी।



मंदिर का नाम



स्वर्ण मंदिर का यह नाम मंदिर के बाहरी परत पर चढ़े हुए सोने की चादर की वजह से पड़ा, जो इस मंदिर के बनने के 200 सालों बाद महाराजा रंजीत सिंह द्वारा इसमें जोड़ा गया। इससे पहले मंदिर को दरबार साहिब या हरमंदिर साहिब के नाम से ही जाना जाता था।



अमृत सरोवर



'अमृत सरोवर' मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि इस सरोवर में औषधीय गुण हैं। जो भी इस मंदिर के दर्शन करने आता है, पहले इसी सरोवर में अपने हाथ पैर धोकर मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं। कई भक्तगण अपनी श्रद्धानुसार डुबकी भी लगाते हैं।



4 प्रवेशद्वार



मंदिर के चार प्रवेशद्वार हैं, जो चारों दिशाओं पूर्व, पश्चिम,उत्तर,दक्षिण की तरफ हैं। ये प्रवेशद्वार यह सूचित करते हैं कि यह मंदिर दुनिया के हर भाग से भक्तों का बिना किसी रुकावट के पुरे दिल से स्वागत करता है। यहाँ किसी भी धर्म के, किसी भी जाती के, किसी भी संप्रदाय के पर्यटकों और भक्तों को आने की अनुमति है।



मंदिर तक जाने वाली सीढ़ियां



मंदिर में प्रवेश करने के लिए बनी सीढ़ियाँ नीचे की ओर जाती हैं, जबकि अन्य हिन्दू मंदिरों में सीढ़ियाँ मंदिर के मुख्य परिसर में ऊपर की ओर ले जाती हैं। यह इस तरह से डिज़ाईन किया गया है, जो जीने के विनम्र तरीके को दर्शाता है।



दुनिया का सबसे बड़ी किचन



इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा किचन भी है, जिसमे सौ या हजार लोगो के लिए नहीं, बल्कि बनता है लाखों लोगों के लिए, जो फ्री में खाना खिलाती हैं।अमृतसर का स्वर्ण मंदिर विश्व का सबसे बड़ा फ्री में खाना खिलाने वाला किचन है। इसमें रोजाना लगभग 2 लाख रोटियां बनती हैं।





भक्तों में समानता



जब यहाँ लंगर बंटता है तब सारे लोग, भक्तगण चाहे वो किसी भी धर्म या संप्रदाय के हों, सब एक साथ नीचे एक रेखा में बैठ कर लंगर का सेवन करते हैं। यहाँ हर भक्तों को समान समझ जाता है।



अखंड पाठ



प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने यहीं पर अपनी जीत के लिए अखंड पाठ का आयोजन किया था।

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