रावण में थी ये 3 अच्छाइयां, सुनकर आप दंग रह जायेंगे MEXA NEWS



These three goodies were in Ravana, you will be stunned by living

Ravan sees the world with a bad eye, but there was some goodness in Ravana that few people know. If the enemy you know in today's time comes to you and asks for help, then you will not help him. But you will be surprised by reading Ravana's work. Here I have written 3 of his goodness, so that the world is unaware.



When Sriram came out to conquer Lanka, then he had made a victory yajna. In it, he sent an invitation to Guru Jupiter to come. But for some reason he could not come, then Shriram invited Ravana to come. Qayyu Ravana was a true Brahmin and Ravana was ready to come. After the completion of the yajna, Ravana had given blessings to Sriram to victory. Many people asked why did you bless? Then Ravana said that this blessing was not given by Ravana, but Ravana gave it to Mahapandit Ravana.



Ravana already knew that his death is due to be done by the hands of Shriram. When Ravana was lying on death, Shriram sent Laxman to Ravan to get knowledge of politics. Ravana had told Lakshman about all his knowledge and secret secrets.



Ravana was a great devotee of Lord Shiva. At that time there was no one greater Shiva devotee than Ravana. The one who reads the Shiva Tandava today is the only responsibility of Ravana.



रावण में थी ये 3 अच्छाइयां, जीने पढ़कर आप दंग रह जायेंगे





रावण को दुनिया बुरी नजर से देखती है लेकिन रावण में कुछ अच्छाइयां भी थी जो काफी कम लोगो को पता है. अगर आज के समय में आपका जानी दुश्मन आपके पास आकर आपसे सहायता मांगे तो आप उसकी मदद नहीं करेंगे. परन्तु रावण ने जो किया था उसको पढ़कर आप हैरान रह जायेंगे. यहाँ पे मैंने उसकी ३ अच्छाइयां लिखी है जिससे दुनिया अनजान है.



जब श्रीराम लंका पर विजय करने के लिए निकले थे तब उन्होंने एक विजय यज्ञ करवाया था. उसमे उन्होंने ने गुरु बृहस्पति को आने के लिए न्योता भेजा था. पर किसी कारण वो नहीं आ पाए, तब श्रीराम ने रावण को आने का न्योता भेजा क्युकी रावण एक सच्चा ब्राह्मण था और रावण आने के लिए तैयार भी हो गए थे. रावण ने यज्ञ पूर्ण होने के बाद श्रीराम को विजय होने का आशीर्वाद भी दिया था. कई लोगो ने पूछा की आपने आशीर्वाद क्यों दिया? तब रावण बोला की यह आशीर्वाद रावण ने नहीं बल्कि महापंडित रावण ने दिया है.



रावण पहले से ही ये जानता था की उसकी मृत्यु श्रीराम के हाथों से ही होने वाली है. रावण जब मृत्यु शैया पर पड़ा था तब श्रीराम ने लक्ष्मण को रावण के पास राजनीति का ज्ञान लेने के लिए भेजा था. रावण ने अपना सारा ज्ञान और गुप्त रहस्यों के बारे में लक्ष्मण को बताया था.



रावण भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. उस समय रावण से बड़ा शिव भक्त कोई नहीं था. आज हम जो शिव तांडव पढ़ते है वो रावण की ही देन है.

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