जानिए ऐसा क्या हुआ कि ये महिला पिछले 13 सालों से शीशे में है कैद



जानिए ऐसा क्या हुआ कि ये महिला पिछले 13 सालों से शीशे में है कैद

In today's time, a woman is imprisoned in a glass for the past 13 years. Let's say something about it ... 53-year-old Juana Munoz, who lives in Cadiz, Spain, is locked in a glass cage for the past 13 years.

In fact, he is struggling with the rare and deadly diseases of the four types of deadly life, in such a situation that neither he is able to raise his children in the lap, nor can he be able to live with his other family members. is.

Recently, he has got a grandson, yes he is a grandmother, but he is not able to lend that love also. His doctor is surprised by the rare diseases of 4 ways in the same person. For the last 29 years, he is suffering from chemical sensitivity, fibromyalgia, chronic fatigue syndrome and electro-sensitivity. Talking to them can only be done by the microphone.



Their families talk to them with the help of this. This microphone is connected to them on the other side of the glass cage. He is so unhappy with his loneliness that he is running 'The Hug' campaign on social media for such weaker people in the world.

आज के टाइम में भी एक महिला पिछले 13 सालों से शीशे में कैद है। चलिए बताते हैं कुछ उसके बारे में..... स्पेन के कैडिज में रहने वाली 53 वर्षीय महिला जुआना मुनोज पिछले 13 साल से शीशे के एक पिंजरे में बंद है

दरअसल वह दुर्लभ और जीवन के लिए घातक चार तरह की खतरनाक बीमारियों से जूझ रही है, ऐसी हालत में ना तो वह अपने बच्चों को गोद में उठाकर ममता की बरसात कर पा रही है और ना ही अन्य परिजनों से मिलकर अपना जीवन यापन कर पा रही है।

हाल ही में उन्हें पौत्र की प्राप्ति हुई है, जी हाँ वह दादी बनी है , उस पर भी वह प्यार नहीं लुटा पा रही हैं। एक ही शख्स में 4 तरीके की दुर्लभ बीमारियों से उनके चिकित्सक हैरान है। पिछले 29 वर्षों से वह केमिकल सेंसिटिविटी, फाइब्रोमायल्जिया ,क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम और इलेक्ट्रो सेंसिटिविटी से पीड़ित हैं। उनसे बातचीत केवल माइक्रोफोन द्वारा की जा सकती है।



उनके परिवार वाले इसी की सहायता से उनसे बातचीत करते है। यह माइक्रोफोन दूसरी तरफ कांच के पिंजरे के अंदर उन से जुड़ा है। वह अपने अकेलेपन से इतनी दुखी हैं कि दुनिया में ऐसे अलग-थलग पड़े चुके लोगों के लिए सोशल मीडिया पर 'द हग' अभियान चला रहे हैं।

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