दंगों के कारण ही हुआ भाजपा और संघ का उत्थान



देश में दंगे शुरू हो गये , राम के नाम पर निकाले गये रामनवमी के जुलूस को हथियार बनाकर बिहार से बंगाल तक दंगे कराए गये जिसमें कहीं केन्द्रीय मंत्री अश्वनी चौबे का बेटा अर्जीत साश्वत शामिल है तो कहीं भाजपा का सांसद बाबुल सुप्रियो शामिल है।

दंगे से किसको लाभ होता है और क्युं होता है ? यह अधिक बताने की आवश्यकता नहीं।

दंगों के कारण समाज में एक वर्ग दूसरे वर्ग पर आक्रमण करता है , और इसी कारण एक वर्ग दूसरे वर्ग से नफरत करने लगता है , और भाजपा तथा संघ सबसे बड़े बहुसंख्यक वर्ग के साथ खड़ी होकर उनकी सहानुभूति प्राप्त करती है और अपने पक्ष में उनके वोटों का ध्रुवीकरण करा ले जाती है , इस ध्रुवीकरण में विकास , सामाजिक सरोकार और शासन की विफलता जैसे मुद्दे गौड़ हो जाते हैं और दंगों के कारण फैले नफरत के वातावरण में पैदा हुए ध्रुवीकरण से थोक मात्रा में वोट संघ और भाजपा को मिल जाते हैं।

भाजपा और संघ की उसकी जन्मतीथि से अबतक की यही रणनीति रही है और उसका उत्थान इसी दंगों के कारण ही यहाँ तक पहुचा , उसका सबसे बड़ा दंगाई देश के सबसे बड़े पद पर और दूसरा सबसे बड़ा दंगाई सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष पद पर इन्हीं दंगों के कारण ही बैठा हुआ है।

यूपीए-2 के शासन के अंतिम दिनों में लाए "सांप्रदायिक हिंसा विरोधी विधेयक" का सबसे अधिक तिव्र विरोध इन्हीं दंगाईयों और दंगा पार्टी के द्वारा किया गया और बिल कानून बनने से रह गया।

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