ये सुंदर फूलों वाला पौधा आपको देगा कई रोगों से छुटकारा MEXA NEWS
This beautiful flowering plant will give you relief from many diseases
Health Desk Kutchar is a beautiful flowering plant. The trees of small or medium height of Kutchar are universal in India. Under the leguominic total and the Sezalpinidi subcluse, the same name, but slightly different, is given to the two trees, which are called boinhea virigeta and bohiniya perfectionia. In the vegetation of the Booneini species, the front of the letter is cut or pressed in the middle as two letters are connected. That is why Kankar has also been called a pair of papers.
Kutchar is a plant that is used in the medicine as well as in medicine. Cough, asthma, cough, gas, indigestion, diarrhea, lack of appetite, bleeding, pain and swelling, skin diseases like leprosy, herpes, It can get rid of diseases such as itching, worm, vata disease, joints pain. Apart from this, you can use the bark of its bark with milk. If you are bleeding from the tooth or any part of the body, then it should be treated with decoction.
If there is swelling in the hands and feet, you can heat it by grinding it in water and it is better to heat it and apply it on the place of pain and swelling. If you do not feel hungry, you should eat its greens every day, eating it makes the hunger look very well. Apart from this, grinding the root of kacharar and lotus leaf, using its juice increases the brain and improves memory.
ये सुंदर फूलों वाला पौधा आपको देगा कई बिमारियों से छुटकारा
हेल्थ डेस्क। कचनार एक सुंदर फूलों वाला पौधा है। कचनार के छोटे अथवा मध्यम ऊंचाई के वृक्ष भारतवर्ष में सर्वत्र होते हैं। लेग्यूमिनोसी कुल और सीज़लपिनिआयडी उपकुल के अंतर्गत बॉहिनिया प्रजाति की समान, परंतु किंचित् भिन्न, दो वृक्षजातियों को यह नाम दिया जाता है, जिन्हें बॉहिनिया वैरीगेटा और बॉहिनिया परप्यूरिया कहते हैं। बॉहिनिया प्रजाति की वनस्पतियों में पत्र का अग्रभाग मध्य में इस तरह कटा या दबा हुआ होता है मानों दो पत्र जुड़े हुए हों। इसीलिए कचनार को युग्मपत्र भी कहा गया है।
कचनार एक ऐसा पौधा है जिसका उपयोग सब्जी के साथ-साथ औषधि में भी किया जाता है।कफ, दमा, खांसी, गैस, अपच, दस्त, भूख न लगना, खून साफ करने, दर्द व सूजन, त्वचा रोग जैसे कुष्ठ, दाद, खुजली, कृमि, वात रोग, जोड़ों का दर्द जैसे बीमारियों से छुटकारा पा सकते है। इसके अलावा आप इसके छाल का काढ़ा दूध के साथ प्रयोग कर सकते है। अगर आपको दांत या शरीर के किसी भी हिस्से से खून निकल रहा है, तो इसका काढ़ा पीना चाहिए।
अगर हाथ-पैरों में सूजन है तो आप इसके जड़ को पानी में पीस कर इसको गर्म कर दर्द और सूजन वाले स्थान पर लेप करने से आराम मिलता है। भूख न लगने पर आप इसकी कली का साग प्रतिदिन खाये, इसको खाने से भूख अच्छी तरह से लगती है। इसके अलावा कचनार की जड़ व कमल के पत्ते काे पीसकर उसका रस प्रयोग करने से दिमाग तेज होता है़ साथ ही स्मरण शक्ति बढ़ती है।
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