कितने घिनौने कमीने हैं ये लोग जो गाज़ियाबाद रेप विक्टिम लड़की को 'भाभी' क...
All Hindustan is familiar with the Kathua Rap case. Just recently, another incident of rape took place in Ghaziabad. A ten-eleven year old girl disappeared from Delhi. Found in a seminary in Ghaziabad In this case the police arrested a cleric and a minor boy of 17 years. The case has been registered in Poxo Act and further action is underway. Here begins the first foolishness
Some people started running a hashtag Justice for ... had written the girl's name forward. In such cases, the girl's name is hidden. His objection was that why not speaking about the girl of Ghaziabad, who is performing for a kidneyed baby? Post-show shot over social media
What these people did not understand was that all such demonstrators were not standing for any selective child. They were opposing the mentality which was interfering with the accused. Somewhere in the subdued tongue, somewhere in the open. That is why all the sensitive people thought it necessary to be strongly opposed to this mentality. In Ghaziabad case it was not so. There was no support of any accused here. The police had taken action and further action will be taken from time to time. That is why in this case the selection warrant of selective outreach was not valid
Nonetheless, this technique was extracted in another way. This way is disgusting. Some people of Muslim society started their hashtag on social media. In this, he is seeking justice for the girl. But different kind. Sister-in-law is being written in front of the girl's name. It is being said that the girl was not kidnapped but she came to herself because of love relations. And when it is a matter of love, then justice should be done by marrying the girl's boy. This is a very bad thing to say. The top 10 year old girl does not have any love story. He is a minor. In any of the laws of this country, any kind of coercion has been considered as a worthless offense with a minor. In any event, those people can not be defended, who took such a small child away from his house. It is very far to get married
The tone of all such posts was very clear. Like finding a fun in a tragedy. The foolishness that I said in the beginning of this video was not the same. These Goths do not understand that they are spoiling the already poor environment of this country with their tactics.
कठुआ रेप केस से तो सारा हिंदुस्तान ही परिचित है. अभी पिछले दिनों रेप की एक और घटना ग़ाज़ियाबाद में हुई. एक दस-ग्यारह साल की लड़की दिल्ली से गायब हुई. गाज़ियाबाद के एक मदरसे में मिली. इस केस में पुलिस ने एक मौलवी और 17 साल के एक नाबालिग़ लड़के को गिरफ्तार कर लिया. पॉक्सो एक्ट में केस रजिस्टर कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है. यहां से शुरू होती है पहली मूर्खता.
कुछ लोगों ने एक हैशटैग चलाना शुरू किया. जस्टिस फॉर… आगे लड़की का नाम लिखा था. जबकि ऐसे केसेस में लड़की का नाम छुपाया जाता है. उनका ऐतराज़ ये था कि कठुआ वाली बच्ची के लिए प्रदर्शन करने वाले ग़ाज़ियाबाद की बच्ची के बारे में क्यों नहीं बोल रहे? सोशल मीडिया पर ताने देती पोस्ट की झड़ी लग गई
जो चीज़ इन लोगों की समझ में नहीं आई वो ये कि ऐसे तमाम प्रदर्शनकारी किसी सिलेक्टिव बच्ची के लिए नहीं खड़े थे. वो उस मानसिकता का विरोध कर रहे थे जो आरोपियों की हिमायत कर रही थी. कहीं दबी-छिपी ज़ुबान में तो कहीं खुल्लम-खुल्ला. इसीलिए तमाम संवेदनशील लोगों ने ज़रूरी समझा कि इस मेंटेलिटी का पुरज़ोर विरोध होना चाहिए. गाज़ियाबाद केस में ऐसा नहीं था. यहां कोई आरोपियों के सपोर्ट में नहीं था. पुलिस ने एक्शन ले लिया था और आगे भी जो कार्रवाई होनी है वो समय से हो ही जाएगी. इसीलिए इस केस में सिलेक्टिव आउटरेज का ताना वैलिड नहीं था
बहरहाल, इस ताने की काट एक और तरीके से निकाली गई. ये तरीका घिनौना है. मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना हैशटैग शुरू किया. इसमें वो भी लड़की के लिए इंसाफ ही मांग रहे हैं. लेकिन अलग तरह का. लड़की के नाम के आगे भाभी लिखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि लड़की का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि वो प्रेम-संबंधों के चलते खुद आई थी. और जब ये प्रेम सबंधों का मामला है तो लड़की की लड़के से शादी कराकर इंसाफ किया जाए. कहने के लिहाज़ से ये एक बेहद घटिया बात है. अव्वल तो दस साल की लड़की की कोई प्रेम कहानी नहीं होती. वो नाबालिग़ है. इस मुल्क के क़ानून में नाबालिग़ के साथ किसी भी तरह की ज़बरदस्ती को सज़ा के काबिल गुनाह माना गया है. किसी भी सूरत में उन लोगों को डिफेंड नहीं किया जा सकता, जो इतनी छोटी बच्ची को उसके घर से दूर ले गए. शादी करवाना तो बहुत दूर की बात है
इस तरह की तमाम पोस्टस का जो सुर था वो निहायत ही ओछा था. जैसे किसी ट्रेजेडी में कोई मज़ा ढूंढ रहा हो. मैंने इस वीडियो की शुरुआत में ही जो मूर्खता वाली बात कही थी वो यूं ही नहीं थी. ये जाहिल लोग समझ ही नहीं रहे हैं कि अपने इस टुच्चेपन से वो मुल्क के पहले से ख़राब माहौल को और भी बिगाड़ रहे हैं.
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