बेटी ने कन्धा देकर माँ को दी अंतिम विदाई,देखकर लोगों की छलक आई आंखें
Vinod Kumar posted in Civil Court in Jehanabad, Bihar, died on Wednesday from brain hemorrhage. After death, daughters gave their meanings and then took them to the crematorium. Here the daughters also paid the son's duty and gave a fist to the father. Tell that the deceased Vinod Kumar had no son. In such a situation, when there was a turn to carry their meaning after death, no person from the village and the neighborhood came forward. Then the daughters themselves took up this responsibility
When no one came forward to give a deadbed to the deadbody, both daughters of the deceased Echichi and Jyoti did this responsibility regardless of their concern. Then the village and other neighboring people also started coming. On Wednesday, when he had brain hemorrhage, he was administered in PMCH. He died during treatment. There was obstruction in the funeral due to not being a male member in the house. It has been done by their two daughters.
Rakesh Rawal, a senior journalist and priest of Somnath temple died in the Pali of Rajasthan on December 1. They were suffering from cancer. On his last visit on December 2, 2017, his two daughters Divya and Hetal gave a farewell to the father's meaning. Divya and Hetal used to say that their father always used to do the same as their sons.
बिहार के जहानाबाद में सिविल कोर्ट में पोस्टेड विनोद कुमार की बुधवार को ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। मौत के बाद उनकी अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया और फिर श्मशान तक ले गई। यहां बेटियों ने बेटे का फर्ज भी अदा किया और पिता को मुखाग्नि दी। बता दें कि मृतक विनोद कुमार का कोई बेटा नहीं था। ऐसे में जब मौत के बाद उनकी अर्थी ले जाने की बारी आई तो गांव और पड़ोस का कोई भी शख्स आगे नहीं आया। फिर बेटियों ने ये जिम्मेदारी खुद उठाई
डेडबॉडी को कांधा देने के लिए जब कोई आगे नहीं आया तो मृतक की दोनों बेटियों सुरुचि और ज्योति ने किसी की परवाह किए बगैर यह जिम्मेदारी निभाई। फिर गांव और पड़ोस के अन्य लोग भी आने लगे। बता दें कि बुधवार को ब्रेन हेमरेज होने पर उन्हें पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। घर में कोई पुरुष सदस्य के नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार में अड़चनें आ रही थीं। इसका जिम्मा उनकी दोनों बेटियों ने निभाया
राजस्थान के पाली में वरिष्ठ पत्रकार तथा सोमनाथ मंदिर के पुजारी राकेश रावल का 1 दिसंबर को निधन हो गया था। वे कैंसर से पीड़ित थे। 2 दिसंबर 2017 को उनकी अंतिम यात्रा निकली तो उनकी दो बेटियों दिव्या और हेतल ने पिता की अर्थी को कंधा देकर विदाई दी। दिव्या और हेतल का कहना था कि उनके पिता ने उनका लालन-पालन हमेशा बेटों की तरह ही किया।
Comments
Post a Comment