कबाड़ में पड़ी अजय देवगन की ये 'वंडर कार',बनने में खर्च हुए थे 2 करोड़ रुपए
You will remember that in 2004, in the starrer film 'Tarzan The Wonder Car', a similar driver car appeared. But today the car is lying in the junk. This car was built in two million
The enchanting car which was shown in the director Abbas-Mustan's film 'Tarzan the Wonder Car', was spent Rs 2 crore in making it. The film's total budget was Rs 15 crores.
Designer Dilip Chhabria took 8 months to complete Toyota MR2 as a Tarzan car. The concept of the car in the film was a short form of DC Dilip Chhabria.
According to the story of the film, Ajay runs the ghost of Ajay Devgn, due to which it appears driver. Vatsal Seth was an important character in the film. Vatsal became the son of Ajay Devgan, who designed this car to fulfill his dead father's dream
It is said that the film was flopped at the box office. Due to this the Tarzan car shown in the film could not be launched.
The car was tried twice to sell. But even in 35 lakh rupees, nobody was ready to buy it.
Due to the failure of the film, the Tarzan car is now lying in the junk.
This car was compared to 2004's Mitsubishi Eclipse and Ferrar 348.
आपको याद होगा कि 2004 में स्टारर फिल्म 'टार्जन द वंडर कार' में ऐसी ही एक ड्राइवरलेस कार दिखाई थी। लेकिन आज वह कार कबाड़ में पड़ी हुई है। दो करोड़ में बनी थी यह कार
डायरेक्टर अब्बास-मस्तान की फिल्म फिल्म 'टार्जन द वंडर कार' में जो करामाती कार दिखाई गई थी, उसे बनाने में 2 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। जबकि फिल्म का कुल बजट 15 करोड़ रुपए था।
टोयोटा एमआर2 को टार्जन कार के रूप में ढलने में डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को 8 महीने का वक्त लगा था। फिल्म में कार पर जो लगा लोगो DC दिलीप छाबड़िया का ही शॉर्ट फॉर्म था।
बता दें कि फिल्म की कहानी के अनुसार, इस कार को अजय देवगन का भूत चलाता है, जिसकी वजह से यह ड्राइवरलेस नजर आती है। वत्सल सेठ और का फिल्म में अहम किरदार था। वत्सल अजय देवगन के बेटे बने थे, जो अपने मृत पिता का सपना पूरा करने के लिए यह कार डिजाइन करते हैं
ऐसा कहा जाता है कि फिल्म बॉक्सऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी। इस वजह से फिल्म में दिखाई गई टार्जन कार लॉन्च ही नहीं हो पाई।
कार को दो बार बेचने की कोशिश की गई थी। लेकिन 35 लाख रुपए में भी कोई इसे खरीदने को तैयार नहीं हुआ।
फिल्म की नाकामी की वजह से टार्जन कार अब कबाड़ में पड़ी हुई है।
इस कार की तुलना 2004 की मित्सुबिशी एक्लिप्स और फरारी 348 से होती थी।
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