सांप्रदायिक हिंसा की आग में धधकता बंगाल,सरकार पस्त
One person died in Raniganj violence in Vardhaman district. Five policemen were injured. In this violence, a bomb was thrown at Asansol Durgapur DGP Arun Datta Chaudhary, leaving one of his hands. During the Ram Navami procession in Murshidabad, there was a violent clash between two factions, in which at least 10 people were injured. In this, the violence of Raniganj became the largest, where procession was being withdrawn after one day of Ram Navami, which was to be included in the main procession of the Akhara at one place. But the struggle for the procession was not initiated in the other community.
If anyone's home was handed over to the fire, the house of someone was burnt up, then there was no grain grain to eat in someone's house. After entering the house, the rioters destroyed everything. Now the balance of destruction is left. The horrors were forced to leave the house and run away, one thousand people have been gathered in one place, including women, small children, Borges. Everything went on in the ruins of firefighters and fire broke out in the shops in a hurry on everyone. TMC blames BJP on violence, BJP is blaming Mamata Banerjee on the politics of appeasement of minority
Although heavy police deployment has been done after the tension, so far 30 people have been arrested. Internet has been banned People are advised to stay away from rumors. The top officer is frozen at that place, the administration is trying to heal the wounds, both the communities have lost millions of property. But the truth is that the biggest loss is due to mutual brotherhood, faith and goodwill.
वर्धमान जिले के रानीगंज हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। पांच पुलिस वाले घायल हो गये। इस हिंसा में आसनसोल दुर्गापुर के डीजीपी अरुण दत्ता चौधरी पर बम फेका गया, जिससे उनका एक हाथ चला गया। मुर्शिदाबाद में राम नवमी के जुलूस दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से कम 10 लोग जख्मी हो गये। इसमें रानीगंज कि हिंसा सबसे बड़ी हो गयी जहां राम नवमी के एक दिन बाद जुलूस निकाले जा रहे थे जिनको एक जगह पर अखाड़े के मुख्य जुलूस में शामिल होना था। लेकिन दुसरे समुदाय के रास्ते में जुलूस ना निकाले जाने को लेकर झड़प शुरु हुई
किसी की दुकान आग के हवाले कर दी गयी किसी का घर जल कर खांक हो गया तो किसी के घर में खाने को अनाज के दाने नहीं बचे। घर में घुस कर दंगाईयों ने सब कुछ तबाह कर दिया। अब तबाही का मंजर शेष है। खौफ ऐसा कि घर बार छोड़कर भागने पर मजबूर हो गये, एक जगह पर एक हजार लोग जमे है, जिसमें महिलाएं, छोटे बच्चे बुर्जग, शामिल है। हर किसी पर दुख पहाड़ बन कर टुटा दुकानों में आग लगाये गये पथराव और गोलीबारी हुई दंगें में सब कुछ चला गया। टीएमसी ने हिंसा का ठिकरा भाजपा पर फोड़ा तो भाजपा ममता बनर्जी पर अल्पसंख्यको के तुष्टीकरण के राजनीति के आरोप लगा रही है
हालांकि तनाव के बाद पुलिस कि भारी तैनाती कि गयी है तो अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इंटरनेट पर रोक लगा दी गयी है लोगों को अफवाहो से दूर रहने कि सलाह दी जा रही है। आला अफसर उस जगह पर जमे है, प्रशासन जख्मों पर मरहम लगाने कि कोशिश कर रहा है दोनों समुदायों का लाखों कि संपत्ति का नुकसान हुआ है। पर सच तो ये है कि सबसे बड़ा नुकसान परस्पर भाईचारे, विश्वास और सदभावना का हुआ है।
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