मैं दुल्हन बनाने की तैयारी में थी...'कफन ओढ़े बेटी को देख मां बोली ऐसी ब...
Seeing that young daughter was lying on the shroud, mother and grandmother said such a thing that the father's liver got torn apart, crying, painful pictures.
When the body of the Assistant Commandant of the Indian Coast Guard, Captain Penni Chowdhary, came to his house in the tricolor, Virar had died. The cry of mother and father was bad. There was such a shout that everybody had tears in their eyes after seeing.
At the same time, Penny's grandmother looked down on her grandson with a shroud and continued tears with her eyes. Then suddenly came out of my mouth, my son Nu, the red couple Nal Taurana C, Rab did the cheetah kaphan pawa, no one could stop the tears of his eyes from being heard
Pony Chaudhary, who was killed in an accident during duty, was taken to Model Town's Shivpuri in the afternoon. Here, Father Gurmeet Singh gave a mask to the daughter's pyre. Earlier, he saluted the daughter and said, "I am proud of my daughter."
Penny Chowdhury was given the final farewell with the state honor. In the afternoon, in order to console the bereaved family, Chief Minister Manohar Lal Khattar also reached Penni Chowdhury's house. Two-minute silence was kept in memory of Penni Chaudhary in the auditorium of Krishna Temple and prayer to God.
Pani Choudhury's friend Captain Vinay Dahiya told that Penny was fearless, he was friendly. Always smile on his face Both of them trained together in Bangalore in 2008 for three years. She used to tell that she had been fond of flying since childhood.
जवान बेटी कफन ओढ़े लेटी थी, देखकर मां और दादी ने ऐसी बात कह दी कि पिता का कलेजा फट गया, फूट-फूट कर रो दिए, दर्दनाक तस्वीरें।
इंडियन कोस्ट गार्ड की असिस्टेंट कमांडेंट कैप्टन पेनी चौधरी का पार्थिव शरीर वीरवार को तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मां और बाप का रो-रोकर बुरा हाल था। ऐसी चीख पुकार मची थी कि देखकर हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।
वहीं, पेनी की दादी कफन ओढ़कर लेटी पोती को निहारती रही और आंखों से आंसू बहते रहे। फिर अचानक मुंह से निकला, अपने पुत्रर नू मैं लाल जोड़े नाल टौरना सी, रब ने चीटा कफन पवाता, यह बात सुनकर कोई भी अपनी आंखों के आंसूओं को बहने से नहीं रोक पाया
ड्यूटी के दौरान हादसे का शिकार हुई पेनी चौधरी के शव दोपहर बाद मॉडल टाउन के शिवपुरी में ले जाया गया। यहां पिता गुरमीत सिंह ने बेटी की चिता को मुखग्नि दी। इससे पहले उन्होंने बेटी को सैल्यूट किया और कहा आई प्राउड ऑफ माय डॉटर...।
पेनी चौधरी को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दोपहर बाद शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पेनी चौधरी के घर पहुंचे। कृष्णा मंदिर के सभागार में पेनी चौधरी की याद में 2 मिनट का मौन रखा गया और भगवान से प्रार्थना की गई।
पेनी चौधरी के दोस्त कैप्टन विनय दहिया ने बताया कि पेनी निडर थी, मिलनसार थी। उसके चेहरे पर हमेशा स्माइल रहती थी। उन दोनों ने 2008 में बैंगलौर में तीन साल तक एक साथ ट्रेनिंग की। वह बताती थी कि उसे बचपन से ही फ्लाइंग का शौक था।
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