औरंगाबाद में मेल-मिल्लत का दिखा अद्भुत नजारा, छंट गये तनाव के बादल,गले म...



Aurangabad of Bihar was in panic for three days. People stayed there for three days. The people of Aurangabad were afraid to open the window. When it was possible to say no when it was possible. But in such an environment the administration introduced intense restraint. BMP DG Gupteeshwar Pandey immediately took over the responsibility there Meet people from both sides Its meaningful result came out. Clouds of stress began to be sorted, and on Thursday people saw the glow of sunburn.

BMP DG Gupteeshwar Pandey sat between the two parties They went to their homes Explained the elderly. Assured women. Talk to children. Make the youth aware about studies. The result was revealed. People got embraces from each other. Tears of joy with people's eyes Life in Aurangabad starts on track

On Wednesday, the small shops opened and people spoke openly to each other on Thursday. Household goods were purchased. From the newspapers in the city to milk and other needy things are coming. For three days, the patients and their relatives were seen going towards the hospital. Ranging from medicine to grocery stores

BMP DG Gupteshwar Pandey, who has been appointed as the Aurangabad SP, said that Bihar has always been a symbol of peace. In the God of Aurangabad Lord Sun resides in the Sun. He said that the people here have become victims of a little misunderstanding, but there is no tribulation in their hearts. He appealed to the people that they give a message of mutual brotherhood. Stay away from rumors. People have given their assurance of living with them.

बिहार का औरंगाबाद तीन दिनों तक दहशत में रहा. तीन दिनों तक वहां के लोग सहमे रहे. औरंगाबाद के लोगों को खिड़की खोलने से डर लग रहा था. कब किधर से हुजूम आ जाए नहीं कहा जा सकता था. लेकिन ऐसे माहौल में प्रशासन ने जबर्दस्त संयम का परिचय दिया. बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने तुरंत वहां की जिम्मेवारी संभाली. दोनों पक्षों के लोगों से मिले. इसका सार्थक परिणाम सामने आया. तनाव के बादल छंटने लगे और गुरुवार को लोगों की आंखों में सकून की चमक देखी गयी.

बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने दोनों पक्षों को आपस में बैठाया. वे उनके घरों में गये. बुजुर्गों को समझाया. महिलाओं को आश्वासन दिया. बच्चों से बातें कीं. युवाओं को पढ़ाई के प्रति जागरूक किया. रिजल्ट सामने आ गया. लोग एक-दूसरे से गले मिले. लोगों की आंखों से खुशी के आंसू छलके. औरंगाबाद में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी

बुधवार को छिटपुट दुकानें खुलीं तो गुरुवार को लोगों ने एक-दूसरे से खुलकर बातें कीं. घरेलू सामानों की खरीदारी हुई. शहर में अखबारों से लेकर दूध व अन्य जरूरतमंद सामान आने लगे हैं. तीन दिनों से डरे-सहमे मरीज व उनके परिजन अस्पताल की ओर जाते देखे गये. दवा से लेकर किराने की दुकानों तक में भीड़ रही

औरंगाबाद एसपी के पद को संभाल चुके बीएमपी डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार हमेशा से शांति का प्रतीक रहा है. औरंगाबाद के देव में भगवान सूर्य साक्षात निवास करते हैं. उन्होंने कहा कि यहां के लोग थोड़ी गलतफहमी के शिकार हो गये, लेकिन इनके दिलों में क्लेश नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे लोग आपसी भाईचारे का संदेश दें. अफवाहों से दूर रहें. लोगों ने उन्हें मिल्लत से रहने का भरोसा दिया है.

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