बिहार के कई शहरों में सांप्रदायिक हिंसा: हिंदू-मुसलमान के नाम पर इतना बं...



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बिहार में एक के बाद एक कई सांप्रदायिक हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आ रही हैं. भागलपुर के जुलूस में हुई हिंसा के बाद मुंगेर में भी तनाव पसरा है, औरंगाबाद में दुकानों को आग लगाई गई है, समस्तीपुर में भी तोड़फोड़ हुई है. समस्तीपुर की घटना से समझा जा सकता है कि कैसे छोटी-मोटी घटनाओं को भड़काकर माहौल को गरमाया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समस्तीपुर के रोशेरा में सोमवार को मूर्ति विसर्जन का जुलूस निकल रहा था. जुलूस जब इलाके के एक मस्जिद के पास से गुजर रही थी तो किसी ने मूर्ति पर चप्पल फेंक दिया. इस घटना के बाद तनाव फैल गया. दूसरे दिन यानी मंगलवार को इस घटना के जवाब में मस्जिद पर पत्थरबाजी की गई. इसके बाद मामला बिगड़ गया.

हालांकि पुलिस के कुछ सीनियर अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि दरअसल मूर्ति पर चप्पल फेंकी नहीं गई थी. हुआ ये था कि मूर्ति विसर्जन के जुलूस गुजरने के दौरान एक छत से चप्पल की एक जोड़ी गलती से गिर गई थी. लेकिन जिस तरह का माहौल बना हुआ है उसमें चप्पल के गलती से गिरने और इसे जानबूझकर मूर्ति पर फेंकने के अंतर को समझने को कोई तैयार नहीं है.

ऐसा लगता है जैसे हर कोई तैयार बैठा है. धर्म का मसला ऐसा बन पड़ा है कि कोई सुनने को तैयार नहीं है. लोग लाठी-डंडा और तलवार निकालने में देर नहीं करते. कोई दो घड़ी ठहरकर सोचने को राजी नहीं है कि कहीं उन्हें धर्म के नाम पर बरगलाया तो नहीं जा रहा है. कहीं वो नफरत के कारोबार का कच्चा माल तो नहीं बन रहे हैं. कहीं वो धर्म के नाम पर हो रही नीचले स्तर की राजनीति का शिकार तो नहीं हो रहे हैं.

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