भारत इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाने के आज भी देता ब्रिटेन को 1 करोड़ 20 ला...



India today gives the British Rs.1.12 million annually to run the train on this railway track.

The British had left India for seventy years but today even India is stuck in their chains of slavery. Just before we were the servants of Agrajo, now we are slaves of their language. But apart from that, there is a railway track in India which India still gives to the UK about 20 million rupees annually. This thing is quite scary, but this is absolutely true.



Why did the British government build it







On this route India's known train runs Shakuntala Express For that reason its name has been named Shakuntala Rail Route. This route starts from Amravati of India, there is more cotton cultivation. And the English government used it to export cotton rectangles in its time. It is believed that the British had constructed it to transport cotton to Mumbai Port.



Construction of completed railway route in 1906 and ending in 1916







The work of this rail route is believed to have started from 1903 and ended in 1916. The UK company's Click Nixon did the job of making it. At that time, this train was a private company to make the route. Who worked on railway construction in India on the request of the British Government



Why does India still pay for this railway track?





India became free and India's Government Railway track and others who left Salman Agraz in India. They started capturing but it is believed. When Indian Railways started nationalization in 1951, this was not the only route under the Indian government. Because this root click was made by the company named Nixon. Who at the time of the occupation began to declare their right to it. Because of which the Government of India could not take it under its control. And the Indian government of this route still gives Britain Rs.1.12 million annually.



भारत इस रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलाने के आज भी देता ब्रिटेन को 1 करोड़ 20 लाख रुपये सालाना

अंग्रेजों को भारत छोड़े सत्तर वर्ष हो गए लेकिन आज भी भारत उनकी गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है . बस पहले हम लोग अग्रेजो के गुलाम थे अब हम उनकी भाषा के गुलाम है . परन्तु उस से भी अलग भारत में एक ऐसा रेलवे ट्रेक है जिसका भारत आज भी ब्रिटेन को 1 करोड़ 20 लाख रुपये सालाना देता है . यह बात एकदम चौकाने वाली है परन्तु यह बात बिल्कुल सच है .



क्यों कराया था अंग्रेजी सरकार ने इसका निर्माण







इस रूट पर भारत की जानी मानी ट्रेन शकुंतला एक्सप्रेस चलती है . जिस कारण से इसका नाम शकुंतला रेल रूट रखा गया है . यह रूट भारत के अमरावती से सुरु होता है वहां पर कपास की खेती ज्यादा होती है . और अंग्रेजी सरकार ने अपने काल में इसका उपयोग कपास के आयत निर्यात के लिए किया था . माना जाता है की अंग्रेजों ने इसका निर्माण कपास को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए कराया था .



1903 से सुरु होकर 1916 में जाकर खत्म हुआ रेलवे रूट का निर्माण







इस रेल रूट का कार्य 1903 से सुरु होकर 1916 में जाकर खत्म हुआ माना जाता है . की ब्रिटेन की कम्पनी क्लिक निक्सन ने इसको बनाने का कार्य किया था . उस समय की ये ट्रेन रूट बनाने की एक प्राइवेट कम्पनी थी . जो ब्रिटेन सरकार के कहने पर भारत में रेलवे रूट निर्माण का कार्य करती थी .



क्यों देता है आज भी भारत इस रेलवे ट्रेक के पैसे





भारत आजाद हो गया और भारत देश की सरकार रेलवे ट्रेक और अन्य जो सामन अग्रेज भारत में छोड़कर गये थे . उस पर कब्जा करने लगे परन्तु माना जाता है . की जब 1951 में भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण होने लगा तो बस यही रूट भारत सरकार के अधीन नहीं था . क्योंकि यह रूट क्लिक निक्सन नाम की कम्पनी ने बनाया था . जो कब्जे के समय इस पर अपना हक जताने लगी . जिस कारण से भारत की सरकार कानून के तहत इसको अपने कब्जे में नही ले पायी . और इस रूट के भारत सरकार आज भी ब्रिटेन को 1 करोड़ 20 लाख रुपये सालाना देती है .

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