गदर,फिल्म की सच्चाई को जान आप चौक जायेंगे

गदर,फिल्म की सच्चाई को जान आप चौक जायेंगेListening to the name of a love story of Gadar, Sunny Deol and Ameesha Patel are pictured in your mind. Seeing this film, every Hindustani's chest becomes very proud. But do you know that this story is a true one. This story is about a Hindustani boota singh
This thing was before the country's independence, Buta Singh was a soldier and he was also part of the other world war. Buta Singh spent most of his life in the army. After World War II ended, Buta Singh returned to his homeland. Boota Singh's mother had died. Buta Singh was very shocked and he retired from the army. Now Boota Singh was alone. Friends advised that you get married and settle down. Buta Singh started collecting money for marriage, he was looking for a good partner
The country was going to be free, that there was a rift over the division. Meanwhile, Buta Singh was sitting on the door of his house. Then suddenly a girl ran away to her. She was scared she could not speak anything. Boota Singh saw the rioting behind them. Buta Singh gave him a death in his house. The riots began to ask the girl to hand over. But Buta Singh refused to hand over to the girl. They settled the case by paying their savings. Buta Singh is no longer in this world but his love is alive. He is still called Shaheed-e-Mohabbat, Bollywood's famous film Gadar is believed to be inspired by his story.
गदर एक प्रेम कथा का नाम सुनकर आपके दिमाग में सनी देओल और अमीषा पटेल की तस्वीर छा जाती है । इस फिल्म को देखकर हर हिंदुस्तानी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है ।लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कहानी एक सच है । यह कहानी एक हिंदुस्तानी बूटा सिंह की
यह बात हिंदुस्तान की आजादी के पहले की है बूटा सिंह एक फौजी थे और वह दूसरे विश्वयुद्ध का हिस्सा भी रहे थे । बूटा सिंह ने जिंदगी का ज्यादातर समय फौज में ही बिताया था । द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म हो गया तो बूटा सिंह अपने स्वदेश लौट आए । बूटा सिंह की मां का देहांत हो चुका था । बूटा सिंह को बहुत सदमा लगा और वह फौज से रिटायर हो चुके थे । अब बूटा सिंह अकेले पड़ चुके थे । दोस्तों ने सलाह दी कि शादी कर लो और घर बसाओ । बूटा सिंह शादी के लिए पैसे जुटाने लगे उन्हें एक अच्छे जीवनसाथी की तलाश थी
देश आजाद ही होने वाला था कि बंटवारे को लेकर अफरा-तफरी मची हुई थी । इस बीच बूटा सिंह अपने घर की चौखट पर बैठे थे । तभी अचानक एक लड़की भागते हुए उनके पास आई । वह डरी हुई थी वह कुछ बोल नहीं पा रही थी । बूटा सिंह में देखा कि उनके पीछे दंगाई पड़े हुए हैं । बूटा सिंह ने उन्हें अपने घर में फनाह दी । दंगाई लड़की को सौंपने के लिए कहने लगे । लेकिन बूटा सिंह ने लड़की को सौंपने से इंकार कर दिया । उन्होंने अपनी बचत के पैसे देकर मामला सुलझा दिया । बूटा सिंह अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी मोहब्बत जिंदा है । उनको आज भी शहीद ए मोहब्बत कहकर बुलाया जाता है बॉलीवुड की मशहूर फिल्म गदर इनकी कहानी से प्रेरित मानी जाती है ।

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