जज से बोले राम रहीम के वकील- आप पहले सजा सुना चुके हो, आप यह केस मत सुनो...
Judge from Ram Rahim's lawyer - you have already been sentenced, you do not listen to this case
On Thursday, Special Judge Jagdeep Singh, who was convicted by Gurmeet Ram Rahim, in the case of misdemeanor, his lawyers said that you have already heard the verdict against us, so you do not listen to this case. Judge Jagdeep Singh Sirsa's journalist Ramchandra Chattrapati and Kurukshetra resident, former Dera Manager Ranjit Singh were hearing the massacre.
Reliable sources said that when the hearing was going on in the case, two defense defendants verbally said that you have been sentenced in the rape case. If you feel OK, then do not listen to this case. Evidence of killings are also similar, so you do not hear this case. The judge said that you go to the High Court. I decide on the file that I will be in.
At the same time, defense counsel SK Garg Narwana said that we have not made any such petition. Let us say that during the hearing of Sadhvi sexual abuse case, petition was filed on behalf of Gurmeet Ram Rahim that all the three cases should be heard together, as the witnesses and evidences are all mixed in all three. So if a single case was disposed of, then it would have an impact on the other, but the court rejected it.
जज से बोले राम रहीम के वकील- आप पहले सजा सुना चुके हो, आप यह केस मत सुनो
दुष्कर्म मामलों में गुरमीत राम रहीम को सजा सुना चुके विशेष सीबीआइ अदालत के जज जगदीप सिंह से शनिवार को उसके वकीलों ने कहा कि आप पहले ही हमारे खिलाफ फैसला सुना चुके हैं, इसलिए आप यह केस मत सुनो। जज जगदीप सिंह सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और कुरुक्षेत्र निवासी पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे।
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि मामले में जब सुनवाई चल रही थी तो बचाव पक्ष के दो वकीलों ने मौखिक तौर पर कहा कि आप रेप मामले में सजा सुना चुके हो। यदि आपको ठीक लगता है तो आप यह केस मत सुनें। हत्याओं के एविडेंस भी मिलते जुलते हैं, इसलिए आप यह केस मत सुनिये। इस पर जज ने कहा कि आप हाई कोर्ट में चले जाएं। मैं जो फाइल में होगा, उस पर ही फैसला सुनाता हूं।
वहीं, बचाव पक्ष के वकील एसके गर्ग नरवाना ने कहा कि हमने ऐसी कोई याचिका नहीं लगाई है। बता दें कि साध्वी यौन शोषण मामले की सुनवाई के दौरान गुरमीत राम रहीम की ओर से याचिका लगाई थी कि तीनों मामलों की एक साथ सुने जाएं, क्योंकि तीनों में गवाह एवं एविडेंस मिलते जुलते हैं। इसलिए यदि एक भी केस डिसाइड हो गया तो दूसरे पर उसका असर पड़ेगा, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया था।
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