नर्क से कम नहीं है ये चिड़ियाघर.आज भी यहां भूख से तड़पकर मर रहे हैं जानवर
The zoo is called the house of animals, and everybody lives in your house. But there is a house that is worse than the house for these animals but not Hell.
Indonesia's 'The Surabaya Joo' has many animals like Sher-Tiger, Elephant and Giraffe, but their condition is getting worse. In Ju, these animals are neither eaten well nor have the cure and sanitation facilities. In such a situation, they are forced to die by hunger and thirst.
In any zoo, the care of animals is taken care of, but 'The Surabaya Joo' is exactly the opposite. About 25 animals die each month, because they have to face different kinds of problems. Let us know that in 2012 a lion cage was found hanging from a trap.
Looking at the worse condition of animals, the C4 Life institution had filed an online petition to close this juo, but still it has not been closed yet.
Even today hundreds of animals are imprisoned under this yoke and their condition is very miserable. It is Indonesia's largest zoo.चिड़ियाघर को जानवरों का घर कहते हैं, और अपने घर में तो हर कोई महफूज रहता है। लेकिन एक घर ऐसा है जो इन जानवरों के लिए घर नहीं बल्कि नर्क से भी बदतर है।
इंडोनेशिया के 'द सुराबाया जू' में शेर-बाघ, हाथी और जिराफ जैसे कई जानवर हैं, लेकिन इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। जू में इन जानवरों को न तो अच्छे से खाना दिया जाता है और न ही इलाज और साफ-सफाई की सुविधा है। ऐसे में ये भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हैं।
किसी भी चिड़ियाघर में जानवरों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन 'द सुराबाया जू' इससे बिल्कुल उलट है। यहां हर महीने लगभग 25 जानवरों की मौत हो जाती है, क्योंकि इन्हें तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि साल 2012 में एक शेर पिंजरे के अंदर फंदे से लटका हुआ मिला था।
जानवरों के बदतर हालात को देखते हुए सी4लाइफ संस्था ने इस जू को बंद करने के लिए एक ऑनलाइन पिटीशन फाइल किया था, लेकिन इसके बावजूद इसे अभी तक बंद नहीं किया गया है।
आज भी सैकड़ों जानवर इस जू के अंदर कैद हैं और उनके हालात बेहद ही दयनीय है। ये इंडोनेशिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।
Indonesia's 'The Surabaya Joo' has many animals like Sher-Tiger, Elephant and Giraffe, but their condition is getting worse. In Ju, these animals are neither eaten well nor have the cure and sanitation facilities. In such a situation, they are forced to die by hunger and thirst.
In any zoo, the care of animals is taken care of, but 'The Surabaya Joo' is exactly the opposite. About 25 animals die each month, because they have to face different kinds of problems. Let us know that in 2012 a lion cage was found hanging from a trap.
Looking at the worse condition of animals, the C4 Life institution had filed an online petition to close this juo, but still it has not been closed yet.
Even today hundreds of animals are imprisoned under this yoke and their condition is very miserable. It is Indonesia's largest zoo.चिड़ियाघर को जानवरों का घर कहते हैं, और अपने घर में तो हर कोई महफूज रहता है। लेकिन एक घर ऐसा है जो इन जानवरों के लिए घर नहीं बल्कि नर्क से भी बदतर है।
इंडोनेशिया के 'द सुराबाया जू' में शेर-बाघ, हाथी और जिराफ जैसे कई जानवर हैं, लेकिन इनकी हालत बद से बदतर होती जा रही है। जू में इन जानवरों को न तो अच्छे से खाना दिया जाता है और न ही इलाज और साफ-सफाई की सुविधा है। ऐसे में ये भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हैं।
किसी भी चिड़ियाघर में जानवरों की सुख-सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन 'द सुराबाया जू' इससे बिल्कुल उलट है। यहां हर महीने लगभग 25 जानवरों की मौत हो जाती है, क्योंकि इन्हें तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें कि साल 2012 में एक शेर पिंजरे के अंदर फंदे से लटका हुआ मिला था।
जानवरों के बदतर हालात को देखते हुए सी4लाइफ संस्था ने इस जू को बंद करने के लिए एक ऑनलाइन पिटीशन फाइल किया था, लेकिन इसके बावजूद इसे अभी तक बंद नहीं किया गया है।
आज भी सैकड़ों जानवर इस जू के अंदर कैद हैं और उनके हालात बेहद ही दयनीय है। ये इंडोनेशिया का सबसे बड़ा चिड़ियाघर है।
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